पालोजोरी प्रखंड के फाड़ासिमल स्थित ऐतिहासिक शनि मंदिर प्रांगण बुधवार को भक्ति और आध्यात्मिक ऊर्जा से आलोकित रहा जहाँ चल रहे श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी।वृंदावन से पधारे सुप्रसिद्ध कथावाचक श्रीहित कुलदीप कृष्ण जी महाराज के दिव्य प्रवचन ने वातावरण को पूर्णत भक्तिमय बना दिया। कथा के दौरान भक्तगण हर क्षण में डूबकर आध्यात्मिक रस का अनुभव कर रहे थे।नैमिषारण्य के 6 प्रश्नों का दिव्य उल्लेख अपने प्रभावशाली प्रवचन में महाराज श्री ने भागवत की उत्पत्ति, उसके महत्व और उसके मोक्षदायी स्वरूप पर विस्तार से प्रकाश डाला।उन्होंने कहा भागवत कथा कलियुग के मनुष्यों के लिए मोक्ष का सीधा मार्ग है। इसका श्रवण मात्र जीवन को पावन कर देता है।

महाराज श्रीहित ने नैमिषारण्य के दिव्य प्रसंग का वर्णन करते हुए बताया कि कैसे प्राचीन काल में नेमिस तीर्थ (नैमिषारण्य) में 88,000 ऋषि यज्ञ हेतु एकत्रित हुए थे।उन्होंने व्यास जी के समक्ष छह अत्यंत महत्वपूर्ण प्रश्न रखे।इन्हीं प्रश्नों के उत्तर के रूप में श्रीमद् भागवत महापुराण जगत में अवतरित हुई।उन्होंने छह प्रश्नों के आध्यात्मिक मर्म को समझाते हुए कहा कि भागवत केवल कथा नहीं मानव जीवन का कल्याण मार्ग है जो हर मनुष्य को धर्म ज्ञान भक्ति और वैराग्य के पथ पर प्रेरित करता है।

शनि मंदिर पूजा कमेटी की सराहनीय भूमिका शनि मंदिर पूजा कमेटी ने कथा आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।कमेटी द्वारा श्रद्धालुओं के लिए बैठने की व्यवस्था प्रसाद वितरण स्वच्छता बाहर से आने वाले भक्तों के लिए सुविधाएँ का विशेष ध्यान रखा गया।कमेटी सदस्यों ने बताया कि इस योजन का मुख्य उद्देश्य क्षेत्र में धर्म संस्कृति और आध्यात्मिक चेतना को बढ़ावा देना है।