झारखंड DGP अनुराग गुप्ता की नियुक्ति पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला
अवमानना याचिका पर सुनवाई से इंकार,
CJI बोले – राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के
हथियार न बनें अदालतें नई दिल्ली/रांची. झारखंड के DGP अनुराग गुप्ता की नियुक्ति को लेकर दाखिल की गई अवमानना
याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई से इंकार कर दिया. अवमानना याचिका पर सुनवाई से इंकार,
CJI बोले – राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के
हथियार न बनें अदालतें
नई दिल्ली/रांची. झारखंड के DGP अनुराग गुप्ता की नियुक्ति को लेकर दाखिल की गई अवमानना
याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई से इंकार कर दिया. मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई
( भूषण रामकृष्ण गवई ) की अध्यक्षता वाली बेंच ने साफ कहा कि अदालत अवमानना को राजनीतिक
प्रतिद्वंद्विता का हथियार बनाने की अनुमति नहीं दे सकती. मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई ने
टिप्पणी करते हुए कहा: राजनीतिक और कानूनी पृष्ठभूमि झारखंड सरकार द्वारा 1990 बैच के IPS अधिकारी अनुराग गुप्ता को DGP नियुक्त करने के फैसले को लेकर विवाद लंबे समय से चल रहा है. विपक्षी दलों और कुछ याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया
था कि उनकी नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट के प्रकाश सिंह केस (2006) के दिशा-निर्देशों के खिलाफ है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि वह
इस मामले को अवमानना के नजरिए से नहीं देखेगा. बड़ा संदेश इस फैसले के बाद साफ है कि सुप्रीम
कोर्ट राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता से जुड़े विवादों में सीधे कूदने के पक्ष में नहीं
है. CJI ने यह भी संकेत दिया कि ऐसे मुद्दों का समाधान लोकतांत्रिक प्रक्रिया और मतदाताओं के जरिए ही होना चाहिए, न कि अवमानना की याचिकाओं के जरिए.